फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों की मदद और उनके लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी UNRWA ने इस साल अपनी बुनियादी कार्रवाइयों के लिए 1.6 अरब डॉलर मुहैय्या करने की अपील की है.
UNRWA के कमिश्नर जनरल फ़िलिप लज़्ज़ारिनी ने जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों की हालत बेहद ख़राब है. वे वैश्विक संकटों के अलावा चरम स्तर की ग़रीबी और बेरोज़गारी से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं.
उनके मुताबिक़, इस वक़्त अधिकतर फ़िलिस्तीनी शरणार्थी निर्धनता रेखा से नीचे ज़िन्दगी गुज़ार रहे हैं, और इनमें बहुत से तो मानवीय सहायता पर निर्भर करते हैं, जिसमें UNRWA की तरफ़ से दी जाने वाली नक़द रक़म और खाद्य भी शामिल है.
फ़िलिप लज़्ज़ारिनी ने हाल में सीरिया, जॉर्डन, लेबनान और क़ब्जे वाले फ़िलिस्तीनी इलाक़ों का दौरा किया. इस दौरे में उन्होंने पाया कि सीरिया में फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों की हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती चली जा रही है. उन्होंने कहा कि “इस दौरे में मैंने ख़ुद अपनी आँखों से ऐसी तकलीफ़ें, मायूसी और बदहाली देखी है, जिसे बयान नहीं किया जा सकता.”
कमिश्नर जनरल ने बताया कि सीरिया में रहने वाले फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों की हताश स्थिति की ही तरह, ग़ाज़ा और लेबनान में रहने वाले फ़िलिस्तीनियों की स्थिति भी गहरी मायूसी से भरी हुई है, जहाँ औसतन 10 में से 9 लोग निर्धनता रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहे हैं. उनका कहना था कि “बहुत से लोगों ने मुझसे कहा कि वो सिर्फ़ यही चाहते हैं कि उन्हें एक सम्मानजक ज़िन्दगी जीने का मौक़ा मिले, और ये कोई बड़ी मांग नहीं है.”
ग़ौरतलब रहे कि पिछले साल 2022 में भी UNRWA ने फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों की मदद के लिए 1.6 अरब डॉलर मुहैय्या कराने की अपील की थी. अब कमिश्नर जनरल फ़िलिप लज़्ज़ारिनी ही बेहतर बता सकते हैं कि UNRWA को साल 2022 में कितना पैसा मिला. क्योंकि फ़िलिप लज़्ज़ारिनी का कहना है कि इस एजेंसी ने साल 2023 की शुरुआत सात करोड़ डॉलर के घाटे के साथ की है.
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