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नवंबर 22, 2025

अफ़्रीक़ी संसदीय संघ की कॉन्फ़्रेंस में भाग लेते हुए लीग ने कई संसदीय प्रतिनिधिमंडलों से मुलाक़ात की

अफ़्रीक़ी संसदीय संघ की कॉन्फ़्रेंस में भाग लेते हुए लीग ने कई संसदीय प्रतिनिधिमंडलों से मुलाक़ात की

लीग ऑफ़ पार्लियामेंटेरियन्स फ़ॉर अल-क़ुद्स एंड फ़िलिस्तीन ने अफ़्रीक़ी संसदीय संघ की 47वीं कॉन्फ़्रेंस के दौरान कई अफ़्रीक़ी संसदीय प्रतिनिधिमंडलों से मुलाक़ात की. यह कॉन्फ़्रेंस राजधानी किंशासा में हुई, जिसमें अफ़्रीक़ी महाद्वीप के कई संसदीय अध्यक्षों और आधिकारिक प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया.

इन बैठकों में मुख्य रूप से फ़िलिस्तीन मुद्दे को मज़बूती से समर्थन देने और ग़ज़ा पर जारी इसराइली हमलों का मुक़ाबला करने में अफ़्रीक़ी संसदों की भूमिका को बढ़ाने पर चर्चा की गई. साथ ही, ऐसे मज़बूत संसदीय प्रस्तावों पर भी बात हुई जो नरसंहार रोकने और फ़िलिस्तीनी लोगों पर लगे घेराबंदी ख़त्म करने में मदद कर सकें.

मुलाक़ातों में लीग और अफ़्रीक़ी संसदों के बीच संयुक्त संसदीय कूटनीति और क़ानून बनाने के आदान-प्रदान के तरीक़ों पर भी विचार किया गया.

लीग के अध्यक्ष हमीद बिन अब्दुल्लाह अल-अहमर ने बताया कि ये मुलाक़ातें अफ़्रीक़ी महाद्वीप में लीग की संसदीय उपस्थिति बढ़ाने और क्षेत्रीय संसदीय संगठनों में फ़िलिस्तीनी जनता के अधिकारों के समर्थन में मज़बूत स्थिति बनाने की कोशिशों का हिस्सा हैं.

उन्होंने कहा, “अफ़्रीक़ी संसदों ने हमेशा आज़ादी और इंसाफ़ से जुड़े मुद्दों का समर्थन किया है, और लीग इस ऐतिहासिक एकजुटता को अंतरराष्ट्रीय संसदीय संस्थानों में प्रभावी राजनीतिक और क़ानूनी क़दमों में बदलने के लिए काम कर रही है.”

अल-अहमर ने आगे कहा, “हमने कई प्रतिनिधिमंडल प्रमुखों के साथ ऐसे तरीक़ों पर बातचीत की जिनके ज़रिए क़ब्ज़ा करने वाली ताक़त से किसी भी तरह का सहयोग अपराध माना जाए, उसके नेताओं को अंतरराष्ट्रीय अदालतों में जवाबदेह बनाया जाए, और मानवीय व मीडिया स्तर पर सहयोग बढ़ाया जाए ताकि फ़िलिस्तीनी जनता की मज़बूती और संघर्ष को सहारा मिल सके.”

लीग ने कॉन्फ़्रेंस के कई सत्रों में भी हिस्सा लिया, जिनमें विकास, मानवाधिकार और क्षेत्रीय शांति जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. इन सत्रों में लीग ने ज़ोर दिया कि जब तक इसराइली क़ब्ज़ा और हमले जारी हैं, तब तक असल शांति संभव नहीं है. लीग ने अफ़्रीक़ी देशों से अपील की कि वे अंतरराष्ट्रीय ताक़तों की दोहरी नीति को ठुकराते हुए एकजुट होकर स्पष्ट रुख अपनाएं.

यह भागीदारी लीग की हाल के महीनों में जारी व्यापक कूटनीतिक कोशिशों का हिस्सा है, जिनमें अरब और इस्लामी संसदों से मुलाक़ातें, संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को ग़ज़ा में भूखमरी और नरसंहार से जुड़ी आधिकारिक रिपोर्टें सौंपना, और क्षेत्रीय संसदीय संघों के साथ तालमेल बढ़ाना शामिल है, ताकि फ़िलिस्तीन के पक्ष में क़ानूनी और राजनीतिक प्रयास और मज़बूत हो सकें.

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