प्रेस विज्ञप्ति
मस्जिद अल-अक़्सा को जलाने की 54वीं बरसी : लीग ने ख़तरनाक सूरतेहाल से ख़बरदार किया है
मस्जिद अल-अक़्सा को जलाने की दुर्भाग्यपूर्ण 54वीं बरसी के अवसर पर लीग ऑफ़ पार्लियामेंटेरियन्स फ़ॉर अल-क़ुद्स (LP4Q) ने सुरक्षा की कमी और इसराइली क़ब्ज़े व आबादकार समूह की तरफ़ से मस्जिद अल-अक़्सा और बैतुल मुक़द्दस को निशाना बनाने के बढ़ते उल्लंघनों और ख़तरनाक यहूदीकरण की योजना, जिन्हें क़ब्ज़े वाली चरमपंथी सरकार की निगरानी और पूरा समर्थन प्राप्त है, के मद्देनज़र ख़तरनाक सूरतेहाल से ख़बरदार किया है.
लीग इस बात की पुष्टि करती है कि क़ब्ज़े वाली इसराइली सरकार के साथ सामान्यीकरण समझौते और इसराइल की 'fait accompli policy' के परिणामस्वरूप जॉर्डन की भूमिका की समाप्ति ने नैतिक रूप से "मंदिर" की स्थापना और "लाल गाय" के साथ शुद्धिकरण के रस्म की तैयारी करने के अलावा, घुसपैठ के मुहिमों में अभूतपूर्व वृद्धि और इसके भीतर पूरी तरह से बाइबिली प्रार्थना और जानवरों की बलि को लागू करने के प्रयासों ने मस्जिद अल-अक़्सा को पहले से कहीं अधिक असुरक्षित व कमज़ोर बना दिया है.
54 साल पहले मस्जिद को जलाने की घटना के विपरीत, जिसके दौरान क़ब्ज़े वाली सरकार ने उस वक़्त दावा किया था कि इस घटना के लिए ज़िम्मेदार आबादकार मानसिक रूप से बीमार थे और उसने इस कृत्य से इनकार करने की कोशिश की थी. लेकिन अब मस्जिद अल-अक़्सा को निशाना बनाने की कोशिशों को इसराइली सरकार का पूर्ण समर्थन प्राप्त है, क्योंकि चरमपंथी क़ब्ज़े वाली सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री, इतमार बेन ग्विर हमले की योजनाओं की निगरानी करते हैं.
लीग अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान करती है कि वो सिर्फ़ बयानबाज़ी करने के बजाए ऐसे मज़बूत और ठोस उपायों के ज़रिए दबाव डाले, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाती हो और क़ब्ज़े वाले इसराइल को अल-अक़्सा और बैतुल मुक़द्दस पर अपनी आक्रामकता से पीछे हटने के लिए मजबूर करे.
लीग ऑफ़ पार्लियामेंटेरियन्स फ़ॉर अल-क़ुद्स
सोमवार, 21 अगस्त 2023
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